Sonnu Lamba
28 Feb, 2022
सीमित हैं हम
हजारों पूर्वाग्रह, ढे़रों मान्यताएँ, हमें उस अनन्त के प्रति समर्पित नहीं होने देती, जानकारियों से भरे हुए हम, केवल कल्पना करते रह जाते हैं, और सच को महसूस नहीं कर पाते।
और बड़ी अजीब बात है अपनी कल्पनाओं को हम सकारात्मक सोच कहकर प्रचारित करते हैं, और नकारात्मक कह कहकर कुछ सच्चे अहसासो से भागते रहते हैं।
Paperwiff
by sonnulamba
28 Feb, 2022
जीवन दर्शन
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