वो देखिए..ना"
वो बच्ची फिर मेरी गोद में आना चाहती है..
कहां...""
कहीं भी तो नही है.."
इसको पता नी क्या हो गया..""डाक्टर..
हर जगह बच्ची बच्ची दिखती है..""
मनोचिकित्सक से बता रहा था सुमित..
आप लोगो के बच्चे हैं..""डाक्टर ने पूछा.. "
जी नही..""
कोई मेडिकल प्राब्लम..""
"जी नही...$$$$..बस..ऐसे ही.."
"8 साल की शादी में एक भी बच्चा नही..""
डाक्टर ने कौतूहल से सुमित की ओर देखा.. "
शैलजा की आंखो से आंसू टपटप गिरने लगे..""
वो फिर बडबडायी.... "
देखिए डाक्टर...वहां खिडकी पर ..वो बच्ची मेरी गोद में आना चाहती है...""
डाक्टर ने खिडकी को देखा... फिर शैलजा को और फिर सुमित को ..""
(सुमित ने नजरे झुका ली...)
नजरें झुकाने से क्या होगा, इनको बहुत बडा सदमा पहुंचा है, लगता है इन्होने असमय अपना बच्चा खोया है, पूरी बात खुलकर बताइये.. तभी मैं आपकी मदद कर पाऊंगा.. मनोचिकित्सक डाक्टर अरूण ने कडाई से कहा.. ।
जी, ये दो बार प्रीगनेंनट हुई लेकिन... सुमित ने हिचकिचाते हुए कहा .."
लेकिन क्या.. "
हमने अबार्शन करा दिया.. "
क्या कारण थे.. इस तरह का कदम उठाने के.. "
जी.. वो.. हम पहले लडका चाहते थे.. "
ओह... "
आप लोग खुद ईश्वर क्यूँ हो जाना चाहते हैं.. खुदबखुद आपने ये श्राप अपनी तकदीर में लिखा है.. ईश्वर ने तो दो दो बार आपको फूल सी बच्चियां देने की कोशिश की.. !
"शैलजा को तो मैं इस ट्रोमा से बाहर निकालने की कोशिश करूंगा लेकिन आप खुद की और अपने परिवार की मेंटेलीटि दुरूस्त किजीए.. "
आगे पता नही ये मां बन पाये या नही.. "
इसलिए आप एक बच्ची को गोद लेने की कार्यावाही शुरू किजीए ताकि शैलजा का जीवन पटरी पर लाया जा सके.. और आपके किये गये पाप का इससे बेहतर उपाय कोई ओर हो भी नही सकता..।
तब तक मैं कुछ दवाईंयां देता हूं और इन्हें भावनात्मक सुरक्षा की बहुत जरूरत है.. ख्याल रखिए इनका..।।
©®sonnu Lamba
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