व्यंग्य
मिजाज कुछ बदले बदले से हैं, या यूँ कहूँ मेरे शहर में रौनकें लौट आई हैं। सुबह से शाम तक बच्चों का हुडदंग और गप्पे लड़ाती महिलाओं और पुरुषों की टोली का मिल जाना बेहद आम हो गया है। बात दरअसल ये है कि स्कूल कॉलेज ऑफिस मॉल अटरम सटरम सब बंद हो गए हैं बताना जरूरी नहीं कि क्यूँ... अब हमारे देश में जहाँ वोटिंग और इंडिपेंडेंस डे को लोग छुट्टी मना लेते हैं वहाँ इतनी लंबी छुट्टी में कोई एंजॉय न करे भला ऐसा कैसे हो सकता है! औरत आदमी बच्चे, हर कोई लगा है टोलियाँ बना कर एंजॉय करने में। बातों के बीच बीच में कुछ सतर्क लोग दुनिया में फैले वायरस की भी चर्चा कर रहे हैं। उनके हिसाब से वे अपने नैतिक कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं। भाई हम हिंदुस्तानी सबसे बड़ा हथियार आलोचना का ही तो रखते हैं। तो भैया कोई लगा है चीन को गाली देने में तो कुछ एक महानुभाव covid19 पर बने भद्दे चुटकुले सुना कर अपना सेंस ऑफ ह्यूमर साबित करने में लगे हैं। कुछ एक तो इसे बीमारी मानने को तैयार ही नहीं है। तो कुछ अपने हाथों को बार बार धोना अपनी तौहीन समझ रहे हैं। एक आध मियाँ तो ये कहते भी सुनाई दिए कि "हमरे सहर में नाही फैल सकत है बताए दे रहे हैं "। कुछ ओवर confident और ज्यादा पढ़े लिखे इसे sanitizer बेचने की योजना बता रहे हैं। किसी के घर में बिन मौसम मिली छुट्टियाँ बिताने मेहमान आ पहुँचे हैं और अपना धर्म निभाते हुए वे भी टोलियों में शामिल होकर बढ़ती मौतों पर चिंता जताते हुए चुटकुलों का रसपान कर रहे हैं। कुल मिलाकर हम सभी चिंतित तो बहुत हैं लेकिन करना कुछ नहीं चाहते।
सरकार ने बच्चों को छुट्टियाँ इसलिए दी हैं कि वे घर में रहें.. घर का मतलब बस घर में.. पार्क में सड़क पर या रिश्तेदारों के घर नहीं।
आपको ऑफिस से छुट्टी दी गई, आप समझदार हैं समझदारी दिखाएँ.. स्थिति की गंभीरता इसी बात से समझ लें कि सरकार अपने आँकड़े नहीं अपनी आवाम को बचाने के लिए पहल कर रही है। एक दिन के लिए भी बंद होना अर्थव्यवस्था को हिला देता है अगर महीने भर के लिए आप घर पर हैं तो स्थिति कितनी भयावह है अंदाज़ा लगाइए।
किसी एक के भी संक्रमित होते ही आप अपने आसपास की पूरी कम्यूनिटी को संक्रमण दे सकते हैं.. रातोरात यह संक्रमण तबाही मचाने की काबिलियत रखता है। हर हिंदुस्तानी से आग्रह है भद्दे जोक बनाना बंद कीजिए और कुछ दिनो के लिए अपने दोस्तों, kitti की सहेलियों, बच्चों के बाहर खेलने पर जितना हो सके कंट्रोल करें।बाकी whatsapp और facebook चचा ने ज्ञान देने में कोई कमी तो छोड़ी नहीं है।
इलाज से बेहतर बचाव है.. 🙏🙏
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