उम्र भर का बंधन। (कविता)

साथ ये, पल भर का नही उम्र भर का बंधन कहलाए।

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Sonia Madaan
Sonia Madaan 18 Jan, 2021 | 1 min read
Affection Hindipoetry Father's Love #soniamadaan Togetherness Hindipoem

ख्वाब हकीकत में ढलने लगे

जबसे वो हमसे मिलने लगे

उनके लफ़्ज़ों में जो गर्माहट है

सुकून पहुंचाता दिल को मेरे

जो छू ले तो मन भीग जाए

उसके नर्म एहसासों से

सूरज की उजली किरण सा वो

मोह लिया उसकी मीठी बातों ने

जब पास रहे, इक सुकून सा मिले

संग न हो तो बेचैनी बढ़े

उसकी हंसी, जैसे दिल की 

सूखी धरा पर गिरकर 

मुस्कान की कलियां खिलाएं

कुछ यूं उनका आना हुआ

बदली सी लगे हैं फिजाएं

साथ ये अब, पल भर का नही

उम्र भर का बंधन कहलाए।

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Sonia Madaan

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