बाकी है......

वो शाम अभी ढलनी बाकी है, वो लम्हा अभी गुजरना बाकी है।

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Sonia Madaan
Sonia Madaan 04 Jul, 2020 | 1 min read

वो शाम अभी ढलनी बाकी है,

वो लम्हा अभी गुजरना बाकी है,

दिल में जो बात है दबी हुई, 

वो जुबां पर आनी बाकी है।


एहसास दिलों में संजोए जो,

अभी पढ़ने बाकी हैं,

आसमान में चमकते तारों को,

मिलकर गिनना बाकी है।


बाकी है उन पलों को जीना,

सपनों के रंग भरे जिनमें,

सजाई जो बगिया खुशियों की,

उनमें फूलों का महकना बाकी है।


रिश्ता ये रूह से रूह का है

रूहों का मिलना बाकी है,

नयनों में जो चेहरा बसा हुआ

वो दिल में उतरना बाकी है।

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Sonia Madaan

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