बसंत की ऋतु है आई..

सर्दी को दो विदाई, बसंत की ऋतु है आई

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Sonia Madaan
Sonia Madaan 16 Feb, 2021 | 1 min read
1000poems Spring Hindipoetry #soniamadaan

सर्दी को दो विदाई, बसंत की ऋतु है आई,

सुगंधित पुष्पों से महकती पवन,

बागों में बहार और भवरों की गुंजन है लाई, 

स्वर्णिम किरणों की बौछार से, 

धरा का कोना कोना भीगा,

ओढ़ आवरण पीत चुनर का बरसे पीला रंग 

सरसों के फूलों से अलंकृत, छाई नई उमंग 

उड़े पतंगें नभ में ऐसे जैसे तितली यौवन में आई 

झूमे वृक्षों की डाली, फैला हर ओर नवजीवन,

हिम भी रवि के तेज से कहां अछूता,

पिघले जैसे जल तरंग,

मदमस्त चंचल बहता देखो खेतों में मिल जाए 

खुला खुला सा आकाश, उनमें बादल झूमे इतराए, बसंत का  देखो करें सब स्वागत,

 प्रेम, यौवन और उत्साह का चढ़ा है सब पर रंग।

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Sonia Madaan

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