बीता समय न लौट के आया है
जिसने की न कद्र वह पछताया है,
महत्व समय का जिसने समझ लिया
अपने लक्ष्य की तरफ उसने पहला कदम भर लिया।
कठिन परिश्रम कर, बाधाओं पर विजय पा
क्षमता और सूझबूझ को अपनी ताकत बना,
वक्त के साथ अपनी रणनीति बदल
पर समय को यूं व्यर्थ न गंवा।
मंजिल पानी है तो समय के साथ चलना होगा
जरूरत पड़ी तो खुद को बदलना भी होगा,
बस आशा की लौ अपने दिल में जगा
मुश्किल समय में भी तू मुस्कुरा।
धूमिल रास्तों पर चलने में दिक्कत तो होगी
तर्क-वितर्क में खुद को न उलझा,
समय का चक्र जो सिखाए उसे अपना
डगमगाते कदमों से ही सही, मार्ग पर बढ़ता जा।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
प्रेरणादायक कविता
Thank you Sandeep.😊
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