नयना दरश को पुकारती

जगतजननी माँ जगदंबा भगवती महामाया दुर्गा को नमन करती हुई मेरी रचना!🙏🙏

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Snehlata Dwivedi
Snehlata Dwivedi 13 Apr, 2021 | 1 min read

नयना दरश को पुकारतीं

मैया हम तो हैं द्वारे तेरे, 

हम सब सहारे तेरे,

दरवाजा खोलो मैया भारती।

हे मैया ! नयना दरश को पुकारती।

 

ढ़ोल नगाड़ा बाजे ,

 चहुँओर आनंद छाये।

मैया हमारी मगलकरिणी,

हे मैया !नयना दरश को पुकारतीं।

 

सोलह श्रृंगार लेके,

श्रद्धा अपार लेके,

हमसब खड़े हैं द्वारे भाविनी,

हे मैया! नयना दरश को पुकारतीं।

 

फल फूल पकवान तेरे,

अद्भुत हैं भाव मेरे,

कोटि प्रणाम लेके आरती,

हे मैया! नयना दरश को पुकारतीं।

 

आ जा जगदम्बे दुर्गा,

तू हो भवानी चित्रा,

तुम हो हो ताप दुख हारिणी,

हे मैया! नयना दरश को पुकारतीं।

 

कण मन बसेरा तेरा,

हर धर में डेरा तेरा,

तू है कृपालु जीवन तारिणी,

हे मैया ! नयना दरश को पुकारतीं।

 

ममता तुम्हारी थाती,

हम सब माँ तेरे सन्तति,

आ जा भवप्रीता जगतारिणी,

हे मैया! नयना दरश को पुकारतीं।

 

डॉ स्नेहलता द्विवेदी 'आर्या '

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Snehlata Dwivedi

snehlatadwivedi

Comments

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  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    जय माता दी

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