मेरी अभिलाषा

अभिलाषा मानव जीवन को सार्थक और गतिमान बनाती है। वैसी ही मेरी अभिलाषा के बारे में प्रस्तुत है मेरी रचना!

Originally published in hi
Reactions 0
489
Snehlata Dwivedi
Snehlata Dwivedi 12 Apr, 2021 | 1 min read

मेरी अभिलाषा


अभिलाषा अहर्निश है मेरी संताप हरने की।

जीवन में सत्य सुन्दर और अतुलित प्राण भरने की।

समर्पित इस धरा को तम से आजाद करने की।

अभिलाषा अहर्निश है मेरी संताप हरने की।


समर्पित मैं रहूँ निश दिन मनुज संताप हरने को,

नहीं सोचूँ कहीं देवों के सर के ताज बनने की।

अभिलाषा नहीं पिय के गले का हार बनने की।

अभिलाषा अहर्निश है मेरी संताप हरने की।


पल पल और घट घट में यदि भगवान धरती पर,

उन्हें भी स्वयं में धारण किये निष्णात चलने की।

किसी असहाय निर्बल में सहज ही प्राण भरने की।

अभिलाषा अहर्निश है मेरी संताप हरने की..


नयनों में तो सुरभित रंग के अनुराग भरने की,

पावन मन में निर्मल और चिरन्तन आश भरने की।

मैं किसी के जख्म को सहला सकूँ वो आस बनने की।

अभिलाषा अहर्निश है मेरी संताप हरने की..

डॉ स्नेहलता द्विवेदी "आर्य

कटिहार, बिहार


 


   




      


:

0 likes

Published By

Snehlata Dwivedi

snehlatadwivedi

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.