Smita Saksena
Smita Saksena 26 Nov, 2020
खामोशियों की जुबां....
सारे हक हैं तुझे मुझ पर और मुझे तुझ पर, मैं कुछ बोलूं ना बोलूं तू कुछ पूछे ना पूछे, बस खामोशियों की जुबां हम एक दूजे की यूं ही पढ़ते रहें, इतनी सी है रब से इल्तिज़ा हाथ थामें यूं ज़िंदगी भर चलते रहें.... स्मिता सक्सेना

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by smita saksenal58p

26 Nov, 2020

खामोशियों की जुबां

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