Smita Saksena
27 Nov, 2020
देवी ना बनाओ मुझे इंसान ही रहने दो...
उसके चेहरे के निशान और आँखों में आँसू मानो सवाल पूछ रहे हैं....
क्यों देते हो मुझे देवी का दर्जा?
कभी सजी-सँवरी गुड़िया तो कभी ममतामयी माँ जो गलती तो कभी कर ही नहीं सकती, बना देते हो? कभी बीच चौराहे पर इज्ज़त उछाल देते हो तो कभी घर के भीतर मर्यादा तार-तार कर देते हो?
देवी नहीं बनना अब मुझे इंसान होने का दर्जा और सम्मान चाहिए.... नहीं मिलेगा वो दर्जा तो अब खुद के लिए खुद ही बीड़ा उठाऊँगी पर अब आँसू नहीं बहाऊँगी।
Paperwiff
by smita saksenal58p
27 Nov, 2020
देवी ना बनाओ मुझे
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