किस्त तीन
मेरे घर में सबको पढ़ने का बहुत शौक है तो आज मम्मी पापा के लिए बुक्स रीडिंग एप डाउनलोड कर दी जिससे कि वो अपनी मनपसंद किताबों का लुत्फ़ उठाकर अपना समय काटने के साथ ही सदुपयोग भी कर सकें। आखिर डिजिटल बन रहा है मेरा भारत देश। अब तो वायरस की वजह से अखबार तक आने भी बंद हो गये हैं पर डिजिटल हम सभी अब भी इनको पढ़कर देश विदेश की खबरें जान सकते हैं और वो भी तुरंत के तुरंत।
आज बिटिया रानी को भी ऑनलाइन ड्राइंग क्लास एवं कीबोर्ड क्लास जॉइन करवा दी है और अब वो भी कुछ सार्थक सीखने के साथ ही व्यस्त भी रहेगी कुछ हुनर जो उसमें है उसमें तो बढ़ोतरी होगी ही साथ में अच्छा टाईमपास भी है ऑनलाइन क्लास के बाद भी प्रैक्टिस वर्कशीट भी मिलती हैं जिससे कुछ और समय भी पास हो जाता है।
आज सब्जियों के पूरी तरह खत्म होने पर मुझे अपार्टमेंट के बाहर ही बने सुपर मार्केट में जाना पड़ा करीब दस दिन से काम चल रहा था। पूरी तरह से ग्लव्ज पहनकर मास्क लगाकर सुरक्षा के साथ यूं सब़जी लेने गई कि लगा खरीदने नहीं डाकू के जैसे लूटने जा रही हूं 😂😂चेहरा पूरा ढंककर। आज मैंने भी पैसे डिजिटली ही पे किते अच्छा लगा एक नई चीज आज मैंने भी सीखी और एक अनजाने खतरे से खुद को बचाया भी कि ये वायरस नोटों की अदला बदली से भी आप तक पहुंच सकता है।
तो हमने सपरिवार बढ़ाया है अपने कदमों को यूं डिजिटल इंडिया बनाने में। आप भी क्या नया कर रहे हैं हमें बताएं।
स्मिता सक्सेना
बैंगलौर
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