राम केवल नाम नहीं जीवन का आधार हैं,
राम का जो साथ मिले तो चिंताएं बेकार हैं।
सर्व जगत के स्वामी हैं वो धर्म का दूसरा नाम हैं,
राम नाम के जपने से ही बन जाते सब काम हैं।
प्रेम करो तुम शबरी सा तो, वो कुटिया में भी आ जाते हैं,
पर हिंसा और लालच हो जहां तो स्वर्ण नगरी भी ठुकराते हैं।
राम को पाया हनुमत ने जो गीत राम के गाते हैं,
भूल के सारी चिंता बस राम को शीश नवाते हैं।
आया पावन अवसर ऐसा जो आंखों को ऐसा भाया है, राम का भवन निर्माण हुआ है रामलला घर आया है।
पुलकित है सम्पूर्ण जगत और मन सबका हर्शाया है,
वर्षों पुराना स्वप्न जो देखा पूरा होने आया है।
Comments
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बेहद खूबसूरत रचना। भक्ति भाव से ओतप्रोत
अतिसुन्दर रचना की है आप ने राम जी की
बेहद उम्दा रचना राम वाकई जीवन के आधार है
भक्ति भाव से भरी उत्कृष्ट रचना।
भाव पूर्ण रचना है...👌👌
सुंदर सृजन
सभी को बहुत बहुत धन्यवाद और आभार🙏😊❣️
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