74 वां स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे हम,
शान से तिरंगा लहराएंगे हम🇮🇳
वो आज़ादी जो मिली बड़ी मुश्किलों से
उसे यूं ही ना गंवाएंगे हम
पर आज़ादी के इस अवसर पर आता है दिल में एक ये सवाल, के क्या सही मायनों में हम हुए हैं आज़ाद?
क्या तुम्हें है हक सच बेझिझक बोलने का या तोला जाता है आज भी तुम्हारा हर अल्फ़ाज़?
न्याय के तराज़ू क्या अब तोल लेते हैं सही और गलत का फर्क या आज भी दिए जाते हैं झूठ साबित करने को तर्क?
कुछ अनसुलझे सवालों के जवाब मांगते हैं आज हमसे वो आज़ादी के दीवाने जो लटक गए थे सूली पर सिर्फ ये तिरंगा लहराने!
सर्व धर्म समभाव और समानता का अधिकार
सही मायनों में यही है स्वतंत्र देश की दरकार।🙏
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