तू ज़िंदगी को जी ज़रा,
तू उम्र की परवाह ना कर,
तू खिलखिला के हंस ज़रा,
इस फीकी मुस्कान को छोड़कर।
हर सवेरा लाता है एक नई उम्मीद,
ज़रूरत है तू बस नज़रिया बदल।
तू ज़िंदगी को जी ज़रा तू उम्र की परवाह ना कर।
जो नहीं मिला वो बेशक कम था,
पर कुछ और सुनहरा लिखा है, शायद!
तेरे भविष्य के पटल पर।
कुछ नाकामियों की वजह से ऐ बंदे,
भरोसा खुदा पर कभी कम ना कर।
खुद ही पा सकता है तू हर मुकाम बुलंदी का,
ज़रूरत है तू बस थोड़ा सा नज़रिया बदल।
जो खो गया, उसके लिए दिल ना दुखा,
आगे कोशिश तू दुगुनी कर।
ना सोच कि क्या रह गया है पीछे,
बस ध्यान रख, आगे है इक लंबी सी डगर।
तेरी सोच से भी आगे है एक नया रास्ता,
पा ले उसे, इस निराशा को त्यागकर।
जब बंद लगें तुझे सारे रास्ते,
तभी समय है, तू अपने आप की खोज कर।
निराश ना कर असफलता से खुद को,
यही तो जननी है सफलताओं की ध्यान कर।
देख आ रही है खुद ही नई चमक चेहरे पर तेरे,
तो बस जुट जा पथ पर तेरे अब तू देर ना कर।
खुशबू मेहनत की फैली है चहुं ओर तेरे,
तो बस शान से जी हर पल को जी भरकर।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
हर पल को जियो
वाह 👏👏👏👏
Thanks Prateek ji✌️😘
Thanks alot Sonu ji✌️😊
बहुत ही प्रेरणादायक रचना। उम्दा सृजन दी
Bahut dhanyawad bhai 🙏👍
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