सच है ये!!!

छुपता नहीं छुपाने से, ये सच है, जो डरता नहीं राह दिखाने से।।

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Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 15 Mar, 2021 | 1 min read
Truth

वह कड़वा था, छुपा था, ढका था, 

कई मनमोहक लिबासों में।।


पर दम घुटता उसका, 

चाशनी से जज़्बातों में।।


पर ना रह पाया मौन, 

आ ही गया सामने बातों ही बातों में।।


जनाब!! सच है ये, 

तोड़ता नहीं दम अपना।


जी उठता है फ़िर ये, 

कुछ एक-आधी साँसों में।।

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Shubhangani Sharma

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