मेरा बुत

मुझे बदलना जो चाहो तो, खुद भी बदल जाना, लेकिन जो बदलने की ज़रूरत हो, तो तुमने मुझे कहाँ जाना।।

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Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 01 Dec, 2020 | 0 mins read
Let individual be alive.

हर पल एक कतरा मुझे तोड़ देतें हैं,

कहते हैं तुम्हारा खूबसूरत एक बुत बनाना है।।

एक नई बात थमा देते हैं हमें,

क्योंकि उन्हें हमें बहुत कुछ सिखाना है।।

उनकी ख्वाइशों की फेहरिस्त..

कम नहीं होती कभी,

नाम उनको अपने, मेरा सब कुछ कराना है।।

सोज़ देतें हैं हमें... साज़ बनाने के लुत्फ़ में,

नाम देतें हैं ये, तुम्हें थोड़ा और सजाना है।।

मेरे वजूद से उन्हें ऐतराज़ है,

कहते हैं मुझे मसीहा बनाना है।।

क्या कहें उन्हें, हमें ऐसे ही रहने दो

हमारे अंदर भी दुनिया का खज़ाना है।।

तुम क्या लूटोगे इसे,

हमें तो खुद इसको लुटाना है।।

करना है तुम्हें बस ये, मुझको नहीं...

तुम्हें खुद को समझाना है।।

मुझे बुत बनाकर क्या फायदा,

ज़िंदा है मेरा वजूद तभी तो ज़माना है।।







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Shubhangani Sharma

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