पूरे शहर में बस यही चर्चा हो रही थी, कि उसका क़ातिल कौन था??
हाँ, शायद उसका क़त्ल हुआ था। या बस यूँही राहों में भटक गया होगा, जो घर लौटकर ना आ पाया हो।
हो सकता है, वो आया हो और दरवाज़े पर दस्तक भी दी हो। पर लोग ना सुन पाए हों..
पर उसके क़त्ल होने, उसके भटकने, या सबसे मायूस हो लौटने की वजह खोजना किसी ने ना चाही....
कहीं ऐसा तो नहीं उसका क़ातिल, उसके अपनों के पैसे के पीछे भागने की ललक हो, या भटकाव भी पैसे की खनक से हो, उसके ना लौटने के पीछे कहीं कुछ अपनों के द्वारा बनाई गई पैसे की दीवार तो नहीं थी...???
जो भी हो... अंततः उसने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। उसने बहुत कोशिश की थी अपने आप को बचाये रखने की। पर दुनियादारी के व्यापार में वह हार गया। और वह गुमशुदा हो गया....
अब रिश्ते बस यूँही तो ख़फ़ा नहीं होते।
शुभांगनी शर्मा
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