चलो आसमाँ बनाती हूँ

चलो अपनी उम्मीदों का जहाँ बनाएं, अपना एक छोटा सा आसमाँ बनाएं।।

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Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 29 Oct, 2020 | 0 mins read
Make your own sky

चलो आज में खुद का आसमाँ बनाती हूँ,

बथेरे छोटे मोटे सितारे टांक के,

अपना एक गुलाबी चंदा सजाती हूँ,

आओ ना मेरे साथ,

एक नया आसमाँ बनाती हूँ।।

रंग बिरंगी चुनरी वाला,

आकाश को रंग देते हैं,

चमकीले से मेघों वाला गोटा लगाती हूँ,

थोड़ा तुम भी सोचो कुछ,

मैं एक नया आसमाँ बनाती हूँ।।

सूरज, थोड़ा कम आंच का उसमें लगाती हूँ,

इंद्रधनुष की झालर भी उसमें ,

दो चार लगाती हूँ...

थोड़ा साथ तो दे दो हमदम मेरे,

मैं एक नया आसमाँ बनाती हूँ।।

अच्छा बोलो और क्या चाहिए,

बोलो तो संगीत भी थोड़ा पंछियों से लाती हूँ,

आज तो चलो मैं अपना आसमाँ बनाती हूँ।।

बड़े निष्ठुर से बन बैठे हो,

थोड़ा साथ तो दे दो मेरा,

देखो तो कितना मनमोहक है ये,

जो मैं आसमाँ नया बनाती हूँ।।

अभी तो थोड़ा और सजाना है,

यहां तो कल्पनाओं के घोड़ों को भी दौड़ाती हूँ,

तुम बैठो मुँह फ़ेर के यूँही,

मैं तो रोशन सा, सतरंगी,

अपना आसमाँ बनाती हूँ।।










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Shubhangani Sharma

shubhanganisharma

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Sonnu Lamba · 4 years ago last edited 4 years ago

    एक खूबसूरत परिकल्पना

  • Neha Srivastava · 4 years ago last edited 4 years ago

    Waah👌👌

  • Shubhangani Sharma · 4 years ago last edited 4 years ago

    धन्यवाद जी

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