परिवार से....

परिवार जीवन का सार....

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Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 19 Apr, 2022 | 1 min read
Family

स्वछंदता व्यवहार की, मिली परिवार से,

साँसों की साधना, मिली परिवार से।।


प्रेम का प्रलोभन, स्नेहिल है परिवार से,

माला बन मोती, जुड़े परिवार से।।


संस्कारों का सार, संयम परिवार से,

विचारों की उड़ान, सब है परिवार से।।


अधरों की मुस्कान, मुस्कुराते परिवार से,

समाज में सम्मान, अटूट परिवार से।।


मस्तिष्क की प्रखरता, परिष्कृत परिवार से,

व्यक्तित्व की सौम्यता, मौलिक परिवार से।।


आसमान पर भले ही हो अधिकार हमारा, 

पर हर दम नीचे रहें हमारे पूज्य परिवार से।।


शुभांगनी शर्मा

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Shubhangani Sharma

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