चार लोग

चार लोंगो की बातें...

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Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 04 Apr, 2021 | 1 min read
Fear of society
मुसीबत में अक्सर हम, 
ढूंढते हैं वो चार लोग...
जिनके बारे में हम...
बचपन से सुनते आये हैं।।

कुछ अजीब सा रहा... 
उनका व्यापार, 
जिसके ताने बाने वे..
सदियों से बुनते आये हैं।।

गली, मोहल्ले, चौबारों पर... 
वे चार लोग,
छोटी छोटी बातों पर,
दरबार लगाते आये हैं।।

आँखें तिरछी, बातें तीखी, 
हमको सुनाते आए हैं..
उल्टी सीधी बातों में, 
हमको उलझाते आये हैं।।

आगे बढ़ते कदमों में, 
ज़ंज़ीर पहनाते आये हैं,
वो चार लोग, बस बात बात पर..
हमको समझाते आये हैं।।

तो छोड़ें हम...
वो अदृश्य चार लोग, 
जो जीवन भर हमको, 
बस यूंही डराते आये हैं।।

शुभांगनी शर्मा


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Shubhangani Sharma

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