थोड़ा सा पकड़ कर बस छोड़ देना
आदत में शुमार है तुम्हारे बस यूँही दिल तोड़ देना।।
छू लेना कभी जीवन के अनछुए पहलू को भी
अपने ज़मीर को भी थोड़ा सा टटोल लेना ।।
परत दर परत कभी गहराई में भी जाकर देखो
सतह पर क्यों भला, बस यूँही उंगलियों की छाप छोड़ देना।।
कुछ आंखों से कह लेना, कुछ बिना बात के सुन लेना
मन की गांठों को बस आहिस्ता से खोल देना।।
चुप रहना, गर सिर्फ निभाना हो तुम्हें
जो पाना हो प्यार तो बस स्वछन्द हो बोल देना ।।
तोल ना हो तो तोल लेना रिश्ते में दुनियादारी की बातों को
जो यकीन हो मुझपर तो बस दिल से दिल का मोल देना ।।
Comments
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