दिल से

Poetry ( it's about relationships)

Originally published in hi
Reactions 3
728
Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 19 Jul, 2020 | 1 min read

थोड़ा सा पकड़ कर बस छोड़ देना 

आदत में शुमार है तुम्हारे बस यूँही दिल तोड़ देना।।

छू लेना कभी जीवन के अनछुए पहलू को भी 

अपने ज़मीर को भी थोड़ा सा टटोल लेना ।।

परत दर परत कभी गहराई में भी जाकर देखो

सतह पर क्यों भला, बस यूँही उंगलियों की छाप छोड़ देना।।

कुछ आंखों से कह लेना, कुछ बिना बात के सुन लेना 

मन की गांठों को बस आहिस्ता से खोल देना।।

चुप रहना, गर सिर्फ निभाना हो तुम्हें 

जो पाना हो प्यार तो बस स्वछन्द हो बोल देना ।।

तोल ना हो तो तोल लेना रिश्ते में दुनियादारी की बातों को

जो यकीन हो मुझपर तो बस दिल से दिल का मोल देना ।।


3 likes

Published By

Shubhangani Sharma

shubhanganisharma

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.