माँ...

माँ... बस माँ।।

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Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 06 May, 2022 | 1 min read
Motherhood Mother's Day

माँ.... 

एक शब्द में समस्त ब्रह्मांड समाया है,

तुमनें ही तो हमें जीने का हर सलीका सिखाया है।।


माँ....

तुमसे ही तो हमनें रक्त का एक एक कतरा पाया है,

तेरे होने से जीवन है, बाकी सब मोह माया है।।


माँ....

तुमसे ही तो तपते जीवन में आँचल की ठंडी छाया है,

तुमनें आगे आ हमको हर कष्ट से बचाया है।।


माँ....

तेरे बोलों में हमनें ज्ञान वेद पुराण का पाया है,

तुझसे ही अस्तित्व है हमारे वरना एक छद्म छाया है।।


माँ... 

तुमनें ज़िम्मा तो स्वयं ईश्वर का उठाया है,

बस एक तेरा ऋण ही तो है, जो जीवनपर्यंत बकाया है।।


शुभांगनी शर्मा

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