आज़ादी

आज़ादी...

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Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 15 Aug, 2022 | 0 mins read
#patriotism

बादलों से गिरती बूँदें जताती हैं कि वे आज़ाद हैं,

इंद्रधनुष के बिखरते रंग कहतें हैं कि वे आज़ाद हैं।।


संगीत उतरता फ़िज़ा में कहता है कि वह आज़ाद है,

नदियों की लहरें किनारों से टकराकर भी आज़ाद है।।


घटाओं से छनकर रेशम सी रश्मि आज़ाद है,

हर साँस आती जाती कहती है कि हम आज़ाद हैं।।


आज़ाद हैं शब्द, हृदय में क़ैद भावनाएं आज़ाद हैं,

आज़ाद हैं प्रेरणा, नवीन कल्पना आज़ाद हैं।।


सरहद पर चुकाते क़ीमत आज़ादी के पहरी आज़ाद हैं,

हर हुँकार के साथ कहतें हैं जोश से कि हम आज़ाद हैं।।


शुभांगनी शर्मा

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Shubhangani Sharma

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