आज महिला दिवस के उपलक्ष में, विद्यालय में एक समारोह का आयोजन किया। शहर के आदरणीय मंत्री जी को आमंत्रित किया गया। उनकी ख्याति पूरे प्रदेश में ही नहीं देश में भी थी। उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काफी कार्य किये थे। उन्होंने अपने भाषण के द्वारा बखान करना आरंभ किया।
मंत्री जी का इतना प्रेरक भाषण सुनकर पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज रहा था।
आखिर विषय "महिला सशक्तिकरण" जो था। उनके साथ में उनकी धर्मपत्नी भी प्रफुल्लित हो ताली बजा रहीं थी। समारोह समापन के समय राष्ट्रीय गान आरम्भ हुआ। सभी स्थिर हो गए।
परन्तु यह क्या मंत्री जी की धर्मपत्नी का सिर से पल्ला सरक गया, मंत्री जी की घूरती आंखों से घबराकर धर्मपत्नी जी ने राष्ट्रीय गान के नियमों का उल्लंघन कर, अश्रुपूरित नेत्रों के साथ, पल्ला संभाल लिया।
शायद महिला सशक्तिकरण इसी को कहते होंगे।
शुभांगनी शर्मा
Comments
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