हाँ वक़्त लगेगा,
सांसों के आने जाने में...
सहज नहीं होगा...
वक़्त लगेगा,
अपनी पहचान बनाने में।।
मुनासिब है,
कुछ देर थक कर बैठ जाना।
क्योंकि, वक़्त लगेगा...
मंज़िल को पाने में।।
थोड़ा रो लेना,
छाले पैरों के,
आँसुओ से धो लेना।
वक़्त तो लगेगा राही,
श्रम की गंगा बहाने में।।
मुक़म्मल हों ख़्वाब,ये ज़रूरी भी नहीं।
वक़्त लगेगा दोस्त,
ज़िन्दगी को...
ख़्वाबों सा बनाने में।।
ठोकरों को सीख,
मान आगे चल देना।
हाँ, वक़्त लगेगा ...
अपने दिल को समझाने में।।
वक़्त को, वक़्त से ही, मात देना,
हार मानना नहीं,
हाँ, वक़्त लगेगा बहुत,
अपनी औकात बनाने में।।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
वक्त की हर शय गुलाम..!! बहुत बेहतरीन लिख रही हो आप..!!
Waqt lagega, bas dheeraj rakhna. Nicely penned
सोनू जी बहुत ख़ूबसूरती से तारीफ करती हैं आप...बिल्कुल वक़्त तो लगेगा...हार ना मानना ही जीत है।
धन्यवाद सोनिया जी...हमेशा लिखने का प्रयास रहता है। बाकी सब ईश्वर जाने😊
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