मैं सुरक्षित हूँ वहाँ ऐ माँ,
जहाँ तुम सिखाओ मेरे भाई को,
कि हर लड़की अमूल्य है मेरी तरह...
भले ही सिर्फ मैं राखी उसे बांधू,
पर हर लड़की ऋण मूल है मेरी तरह...
मेरी हर इच्छा को सर आंखों पर
रखने वाले बाबा मेरे,
राह पर चलती होगी,
किसी की परी भी मेरी तरह।।
जो कभी नज़रें या नियत भटक जाए,
तो देखना वैसे ही,
जैसे वो लड़की है मेरी तरह।।
सांझ को नज़रें मुझसे भी मिलाओगे,
मुझे प्यारी कहानियां भी सुनाओगे...
हर कहानी के नायक हो तुम मेरे,
चाहती हूँ तुम्हें सब चाहें मेरी तरह।।
हर राजकुमारी से मैं भी कह सकूँ
हो सुरक्षित तुम भी मेरी तरह।।
क्योंकि तुम...मेरे भाई मेरे बाबा की नज़र में हो
मेरी तरह।।
दुआ है हर गली हर नुक्कड़ पर भाई और बाबा हो
मेरी तरह।।
निकलेगी हर परी और राजकुमारी...
बेखौफ हो कर मेरी तरह।।
यकीन दिलाती हूँ तुम्हें मैं ये भी,
हर डगर हर पहर रोशन होगी मेरी तरह।।
घोर उदासी हो, या हर परछाई में हो गिरह,
बस उम्मीद की लौ को बुझने ना देना..
तुम भी सुरक्षित हो मेरी तरह।।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत बहुत प्रेरणा प्रद कविता है
wah bahut badiya
Please Login or Create a free account to comment.