चलो आज कुछ खास करते हैं
आज को आज करते हैं।।
लम्हों को ख़ुशी से भरते हैं,
वक़्त पर विश्वास करते हैं।।
रोना धोना बहुत हुआ
दोषारोपण का अंत कर...
एक नई शुरुआत करते हैं!!!
चलो आज कुछ खास करते हैं।।
आज को आँखों में लिए,
नए सफर का आगाज़ करते हैं।
बहुत हुआ कल को देखना,
उसको थोड़ा नज़रअंदाज़ करते हैं।।
हम फिर आज को आज करते हैं!!!
बातों में नहीं, हाथों में नहीं,
कर्म को सरताज करते हैं।
डट जा, अड़ जा, किस्मत के आगे,
उसको अपना मोहताज करते हैं।
पर शर्त रहेगी सिर्फ एक,
हम आज को आज करते हैं।।
हँसना खुलके, मिलना घुलके,
क्यों रूठ कर समय बर्बाद करते हैं।
दर्रे छोटे छोटे, हम मुस्कानों से भरते हैं,
पर क्यों हम खुल जाने से डरते हैं?
छोड़ो डर को, फीकी मुस्कानों को,
जीवन को ठहाकों से भरते हैं।।
चलो कुछ खास करते हैं,
हम आज को आज करते हैं।।
आज, कल तारीखों में खो जाएगा,
क्यों ना उसे ताबीरों से भरते हैं,
पोटली में बांध, उल्टी सीधी बातों को,
रवाना कल के साथ करते हैं।
खाली करके दिल को,
नए अंदाज़ में भरते हैं।
ज़िद्द...फिर एक बार,
बच्चो सी करते हैं,
हम ख़ूबसूरत से आज को,
आज करते हैं।।
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