ऐसा तो कभी हुआ ही नहीं, जब तुमनें मन को छुआ ही नहीं।। हर युग में तुम और हम ऐसे रहे, जैसे कोई रहा ही नहीं।। जन्म पृथक, आत्मा वही, ऐसा तो कहीं सुना ही नहीं।। चिरकाल से मिलन ऐसा होता रहा, जैसे बिछोह हमारा हुआ ही नहीं।। समय की सीमा से परे है देह हमारी समय ने तन को छुआ ही नहीं।। मैं आधी और तुम भी आधे, हम जैसा पूरा कोई हुआ ही नहीं।। धरातल हो या हो अम्बर, प्रेम ऐसा कहीं देखा ही नहीं।। तुमनें मुझे सदा सर्वोपरी रखा, ऐसा किसी ने किया ही नहीं।। पद समान, हद समान, स्त्री को.. यह सम्मान किसी ने दिया ही नहीं।। मैं शक्ति तुम्हारी ही शिव, हम जैसा कोई बना ही नहीं।।
शिव शक्ति
एक अनोखा रिश्ता, अथाह स्नेह, सम्मान, शिव शक्ति सा आदर्श युगल, कभी हुआ ही नहीं।
Originally published in hi
Shubhangani Sharma
27 Dec, 2020 | 1 min read
Shivshakti an ideal relationship
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