Shubhangani Sharma
24 Nov, 2020
एक मिलन
जानती थी आज का दिन भी हर बार की तरह खाली ही जायेगा....पर सहसा किसी के आने की खबर ने मुझे बच्ची बना दिया...पूरे घर में फुदकती हुई, अपने बच्चों के समक्ष चहकती हुई... लग गयी चीज़ों की जगह बदलने...दरवाज़े खुले...और मैं बढ़ कर गले लग गयी। अरसे बाद आज भाई दूज बड़े भाई के साथ मनाई। और भाई की राजकुमारी खुलकर मुस्काई।
Paperwiff
by shubhanganisharma
24 Nov, 2020
ख़ुशी क्या है!!
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