Shubhangani Sharma
16 Feb, 2021
कुछ ऐसी
क्यों ना हो जाऊं मैं चीनी सी,
पुरवा हो धीमी धीमी सी।।
मिठास हो मेरी बातों में ऐसी,
कोयल की मीठी कूक हो जैसी।।
मुस्कुराऊँ मैं बच्चों के जैसी,
आँखों में चमक हो सच्चों जैसी।।
Paperwiff
by shubhanganisharma
16 Feb, 2021
ये भी मैं.....
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