Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 20 Feb, 2021
एक दिन
एक दिन मैं बहुत हँसना चाहूँगी, रोना आएगा बहुत पर रो ना पाऊँगी।। एक दिन दिल मेरा गीत गायेगा, चाहूँगी गुमसुम रहना फिर भी गुनगुनाउंगी।। हाँ एक दिन मैं, ख़ुद से मिल जाऊँगी, यक़ीन मानों फिर मैं ख़ुद से दूर रह ना पाऊँगी।। वो एक दिन मेरा होगा, जब मैं सब के लिए मर जाऊँगी, पर वही एक दिन होगा जब मैं तर जाऊँगी।।

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by shubhanganisharma

20 Feb, 2021

One day

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