Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 28 Sep, 2020
चंद लम्हों का खेल
चंद लम्हों का ही खेल था... तुम्हारा मेरा होना, और... मेरा तुम्हारा हो जाना... फिर कहीं अतीत के पन्नों में, खुशबू बनकर उड़ जाना।।

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by shubhanganisharma

28 Sep, 2020

एक दूजे का होना

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