Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 21 Sep, 2020
कोशिश करते रहो क्योंकि...
कोशिश करते रहो क्योंकि.... मंज़िल कहती है दो कदम तुम चलो, तो दो कदम मैं भी चलूंगी, बस कोशिश करते रहो... मैं बढ़कर तुम्हारा हाथ थाम लूँगी।।

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by shubhanganisharma

21 Sep, 2020

मंज़िल

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