Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 20 Sep, 2020
एक अरज
एक अरज है तुमसे कान्हा, गर तुम मेरी बात सुनों... जो मेरे हों सपने, मेरी लकीरों के लिए.... तुम वो ही चुनों।।

Paperwiff

by shubhanganisharma

20 Sep, 2020

मेरे सपने

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