Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 20 Feb, 2021
दस्तूर
शहर में एक नया चर्चा, शुरू हो गया, किसी की बेटी, किसी की बहू का.... दुपट्टा मशहूर हो गया।। खिसका कांधे से या सिर से, बस वही कसूर हो गया... चौक पर खड़ा ज़माना, बेक़सूर हो गया। बहु बेटियों को कोसने का, दस्तूर हो गया।।

Paperwiff

by shubhanganisharma

20 Feb, 2021

Women

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