Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 14 Apr, 2022
दायरा???
उसकी नज़रों के दायरे में सिर्फ़ वही था, पर उसके अहम को ये स्वीकार नहीं था।। अहम की पुष्टि के लिए उसने, दायरे में मर्यादा जोड़ दी.. एक कड़ी पंखों की जो थी, वह कर्तव्यों की ओर मोड़ थी।। पंखों वाला मन तो... अब भी भ्रमित था, क्या यह वही दायरा है, जो उसके निमित था???

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by shubhanganisharma

14 Apr, 2022

दायरा

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