Shubhangani Sharma
27 Aug, 2021
सीमा हमारी
सीमा हमारी बताने से पहले,
अपनी सीमा जान लीजिए।
हम बग़ावत तो करते रहेंगे,
यही शौक है हमारा पहचान लीजिए।।
ज़ुबान बंद, नज़रें झुकी...
सलीका अदब का हुआ पुराना।
ज़िरह और दलीलों की मोहब्बत को भी..
ज़रा सम्मान दीजिए।।
शुभांगनी शर्मा
Paperwiff
by shubhanganisharma
27 Aug, 2021
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