Shubhangani Sharma
26 Sep, 2020
ज़िन्दगी के एक मोड़ पर
जीवन के एक मोड़ पर,
नयनों में अश्रुधार लगी।
ना टोका, ना रोका उनको मैंने...
मुझको वो त्यौहार लगी।
ज्ञात था मुझको, उनको तो अब बह जाना है...
क्योंकि निश्चय था मेरा, अब मुझे जीवन में मात्र मुस्काना है ।।
Paperwiff
by shubhanganisharma
26 Sep, 2020
अश्रुधार
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