Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 11 Feb, 2022
जाने भी दो यारों...
दिन, महीने, साल ज़रा सुकून से गुज़ारो, क्यों उलझे हो छोटी छोटी बातों में... छोड़ो ना... जाने भी दो यारों।। उसने याद किया, वो मुझे भूल गया... इन बातों को गोली मारो... जो मिले उसे प्यार से, एक ज़ोर की झप्पी मारो... ज़िन्दगी है छोटी... गिले शिकवों को... जाने भी दो यारों।।

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by shubhanganisharma

11 Feb, 2022

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