Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 24 Sep, 2020
वृक्ष
वो वृक्ष बड़ा सम्पूर्ण, समृद्ध, समर्थ था... कट गया स्वेच्छा से वो इसमें भी कोई अर्थ था। लहरायें फिर नए पौधे उसके आंगन में, कोलाहल में रहना उसके लिए व्यर्थ था।।

Paperwiff

by shubhanganisharma

24 Sep, 2020

Parents give space to the next generation.

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