जाने क्या-क्या छिपाती है?

जान बसी है उसकी सब में तूफानों से लड़ना जानती है। चाहे कितने भी तूफान आए हारकर रूकना नहीं जानती है।।

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Shilpi Goel
Shilpi Goel 30 Jun, 2021 | 1 min read
secret Life Determination Smile

आंखों में अपनी गहरा सागर समेटे

अनकहे अनगिनत राज वो छिपाती है।

पूछूं जो कुछ, बात को टालकर

शाम गहराने का बहाना बनाती है।।

बात बे बात मुस्कुराती है।

जाने क्या क्या छिपाती है।।


ना जाने कितने जख्म हैं सीने में

फिर भी हँसकर समय बिताती है।

उलझी सी सिलवटें बिखरी पड़ी हैं

उनकी गिरह से आजाद होना चाहती है।।

बात बे बात मुस्कुराती है।

जाने क्या क्या छिपाती है।।


वर्षा की बूदों में आँसू समाहित कर

किनारों को लहरों का रूख समझाती है।

जिन लहरों का करती है डट कर सामना

उन्हीं लहरों के संग सफर कर आती है।।

बात बे बात मुस्कुराती है।

जाने क्या क्या छिपाती है।।


जीवन में अनेकों सवाल हैं उसके

जाने कितने किरदार वो निभाती है।

हर किरदार में ईमानदारी निहित है

हर सवाल का जवाब ढूंढ़ निकालती है।।

बात बे बात मुस्कुराती है।

जाने क्या क्या छिपाती है।।

- शिल्पी गोयल (स्वरचित एवं मौलिक)


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