डिजिटल दुनिया

मेरे बेटे के द्वारा लिखी एक छोटी सी-प्यारी सी कविता।

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Shilpi Goel
Shilpi Goel 29 May, 2022 | 1 min read
digital world hindi poetry

देखो-देखो डिजिटल दुनिया

आई अब डिजिटल दुनिया

अब कहाँ दिखती हैं चिट्ठियाँ

कहाँ सुनते हैं नानी-दादी की कहानियाँ

मम्मी कहती चलो बाहर जाओ खेलने

पर बच्चे कहाँ लगते यह बात मानने

देखते रहते लैपटॉप पर कार्टून

अब कहाँ पहले वाले मई और जून

मम्मी से सुनी कुल्फी वाले अंकल की बातें

अब क्यों नहीं हम भागकर गलियों में जा पाते

दिन भर डिजिटल दुनिया में वक्त बिताते

क्यों नहीं पहले वाले दिन आ जाते

मैं कहता मम्मी से आपके वाला समय चाहिए

मम्मी कहती उसके लिए टीवी-मोबाइल से दूरी चाहिए 

✍माधव मंगल

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