नलिनी एक मध्यमवर्गीय परिवार की पढ़ी-लिखी,समझदार लड़की है।एक दिन नलिनी के लिए एक रिश्ता आता है,लड़का पेशे से इंजीनियर और एक कम्पनी में कार्यरत है।नलिनी से पूछकर उसके माता-पिता इस रिश्ते के लिए हाँ कर देते हैं। यहाँ से नलिनी के जीवन की एक नई शुरुआत होती है।शादी की पहली रात को ही कमल(नलिनी का पति)उस पर हाथ उठा देता है।अगर नलिनी कमल से किसी बात पर सहमत ना हो तो उसे डांटना उसकी आदत में शामिल हो गया था।कुछ समय बाद कमल अपनी नौकरी पर वापस शहर चला जाता है,और घर पर रह जाते हैं नलिनी और उसके सास-ससुर। सब कुछ ठीक चल रहा होता है सिवाए इस बात के कि कमल नलिनी को अपने साथ नहीं ले जाना चाहता पर घरवालों के दबाव में आकर कमल नलिनी को अपने साथ ले जाता है।नलिनी कमल का साथ पाकर बहुत खुश होती है पर उसकी ये खुशी ज्यादा दिन नहीं रह पाती क्योंकि जब कमल को पता चलता है कि नलिनी माँ बनने वाली है तो वो नलिनी को गर्भ गिरवाने के लिए खकहता है,पर नलिनी मना कर देती है।कमल नलिनी पर फिर से हाथ उठाता है और जबरदस्ती गर्भनिरोधक दवाई भी खिलाता है,पर बच्चे को नुकसान नहीं होता क्योंकि कहते हैं ना-जाको राखे साईयां, मार सके ना कोई।कमल उसे वापस घर छोड़ जाता है,कुछ समय बाद नलिनी एक प्यारे से बेटे को जन्म देती है।उसे लगता है शायद अब सब कुछ ठीक हो जाएगा पर इसके विपरीत कमल के स्वभाव में कोई बदलाव नहीं आता अपितु अब तो वह बच्चे से भी बुरा व्यवहार करने लगता है।नलिनी सोचती है भला एक पिता अपने ही बच्चे से इतना कठोर कैसे हो सकता है और एक दिन उसे अपने सब सवालों के जवाब मिल जाते हैं, जब वो अपने सास-ससुर को बात करते हुए सुन लेती है कि कमल किसी मानसिक रोग से ग्रस्त है और उन लोगों ने डाक्टर के मना करने पर भी सिर्फ अपना वंश चलाने के लिए कमल की शादी नलिनी से करवा दी।नलिनी जब उन लोगों से पूछती है कि उन्हें क्या हक था उसकी जिन्दगी के साथ खिलवाड़ करने का तो सिवाए पछतावे के उनके पास कोई जवाब ना था देने को।नलिनी अब अपने बच्चे के भविष्य की खातिर कमल से अलग होने का फैसला करती है।इस फैसले में सब उसका साथ देते हैं क्योंकि अब कमल से नलिनी के साथ-साथ उनके बच्चे को भी जान का ख़तरा बढ़ने लगा था।आज नलिनी अपने पैरों पर खड़ी रहकर अपने बच्चे की अच्छे से परवरिश कर रही है और उसे एक बेहतर इंसान बनने की शिक्षा भी दे रही है।पर आज भी एक सवाल उसके मन को बार-बार कौंधता है,कि आखिर क्यों कमल के माता-पिता ने सिर्फ अपने वंश को चलाने की खातिर कमल जैसे लड़के की शादी उससे करवाकर उसका और उसके बच्चे का जीवन दांव पर लगाया।आखिर इस रिश्ते से क्या हासिल हुआ उन्हें?
- शिल्पी गोयल
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
क्या मानसिक रोग से ग्रसित इंसान की प्रोफेशनल लाइफ सामान्य रह सकती है?
बिल्कुल नहीं, वो व्यक्ति फिलहाल बेरोजगार है जिसकी जिंदगी से मिलती-जुलती ये कहानी लिखने का मेरा एक छोटा सा प्रयास है।
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