एक पैगाम-बेटे के नाम।

प्यार का पैगाम अपने प्यारे बेटे के नाम!

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Shilpi Goel
Shilpi Goel 14 Feb, 2022 | 1 min read
Life importance moments love

चाँद से माँगने मैं जो गयी थोड़ी सी चाँदनी उधार

बोला तुम्हें क्या जरूरत तुम तो हो पहले से तरबतर।


सूरज से की गुजारिश थोड़ी सी किरणें दे दो उधारी

कहने लगा यह माँगने की तो अब हमारी थी बारी।


निशा से की हमने जो शीतलता देने की फरमाईश

कहने लगी तुम ही पूरी कर सकती हो मेरी यह ख्वाहिश।


सुबह की लालिमा जो चेहरे पर उतर आई

अपने सिरहाने मैंने वह इंतजार करते हुई पाई.........


कहने लगी मुझे भी दे दो ऐसा एक उजियारा

बदल दे जो मेरा जीवन यह सारा

साथ ही कर दे इसे और भी प्यारा

जो मेरी पलकों पर बस यूँ ही ठहर जाए

कर दे रूहानी मेरे जीवन की हर शाम

कहो तो बता दूँ क्या है उसका नाम???????


मैंने कहा तुम सब यह कैसी बातें करते जाते हो,,,,,

जरा मुझको भी समझाओ क्या कहना तुम चाहते हो??

नहीं देना अगर तो मत दो,जो तुम्हारा है,,,,,

पर मेरे पास कहाँ चाँदनी, कहाँ किरणें, कहाँ शीतलता और कहाँ ऐसा उजियारा है???????


कहने लगे,

जरा खंगाल कर देखो तो अपनी झोली

क्यों तुमने अब तक नहीं है यह टटोली।

सच कहा था सबने,

अब ना चाहिए मुझको चंदा की चाँदनी

ना माँगू मैं सूरज से किरणें उधार,,

निशा की शीतलता से मुझको क्या काम

लालिमा से कह दूँ ढूँढ़ ले कोई और रोशनदान।।


"मेरे पास है तू जो कर दे मेरे जीवन की हर शाम रूहानी,

तुझसे बढ़कर ना कोई,,तेरे होने से रची जाए हररोज एक नयी कहानी,

तू है इस जीवन की सबसे अनमोल निशानी,

जिसके होने से हूँ मैं,,है एक-दूजे से ही हमारी पहचान।


बनाया है मेरा हर दिन खास तुमने

तुम्हारे हर दिन को खास बनाना है।

जन्म दिया है माना मैंने तुमको

पर नया जन्म मैंने तुमसे ही पाया है।"


"बनकर बूंदें ओस की पलकों पर जो तू ठहर जाए।

जीवन में ना फिर मुझको कोई भी कमी खल पाए।।"

✍शिल्पी गोयल(स्वरचित एवं मौलिक)

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