आत्मविश्वास

रिश्तों की डोर को विश्वास से थामती हुई एक कहानी।

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Shilpi Goel
Shilpi Goel 04 Mar, 2021 | 1 min read
Life moments love

दिशा शहर में पली-बढ़ी एक हंसमुख स्वभाव की लड़की थी।

दिशा जब छोटी थी उसके पिताजी का देहांत हो गया था।

दिशा की माँ ने अकेले ही माता-पिता दोनों की जिम्मेदारी निभाई।

दिशा पेशे से इंटीरियर डिजाइनर थी तथा एक फर्म में नौकरी करती थी। वहीं उसकी मुलाकात रोहन से हुई।

रोहन थोड़ा अंतर्मुखी स्वभाव का था तथा गांव से शहर नौकरी की तलाश में आया था और उसकी ये तलाश उसी फर्म में आकर पूरी हुई जहाँ दिशा पहले से ही काम करती थी।

रोहन ने वहाँ पर एक साईट इंजीनियर के तौर पर नौकरी ज्वाइन की थी।

समय बीतने के साथ-साथ घरवालों ने उनकी शादी के लिए रिश्ते ढूँढने शुरू कर दिए।

दिशा शादी नहीं करना चाहती थी क्योंकि उसे चिंता थी की शादी के बाद उसकी माँ का ध्यान कौन रखेगा।

रोहन दिशा को पसंद करता था।

एक दिन उसने दिशा से कहा-

"क्या हम मिलकर माँ के प्रति जिम्मेदारी निभा सकते हैं?"

दिशा भी मन ही मन रोहन को पसंद करती थी लेकिन उसे लगता था रोहन भी बाकि लड़कों जैसा ही होगा, इसलिए अपने मन की बात कभी जुबान पर नहीं लाई।जब रोहन ने दिशा को प्रपोज किया तो वो उसके विचारों से बहुत प्रभावित हुई और उसने हाँ कह दिया।

रोहन के माँ-बाबा गांव से दिशा को देखने आने वाले थे।

उसे डर था वो लोग क्या जवाब देंगे क्योंकि एक तो दिशा नौकरी करती थी, उस पर हर तरह की ड्रेस पहनती थी।

रोहन ने दिशा से कहा,

"दिशा जब तक माँ-बाबा यहाँ रहें तुम साड़ी ही पहनना।"

"हाँ ठीक है,मैं समझती हूँ,तुम चिंता मत करो।"

- दिशा ने उत्तर दिया।

माँ-बाबा के आने पर दिशा ने उनके पैर छुकर उनका स्वागत किया।

माँ-बाबा को एक घरेलू लड़की जो नौकरी ना करती हो ऐसी बहू चाहिए थी इसलिए माँ-बाबा को दिशा पसंद नहीं आई। उन्होंने शादी से इंकार दिया और वापस गांव लौट गए।

दिशा से रोहन ने अपने घरवालों के खिलाफ जाकर प्रेम विवाह किया था।

लेकिन दिन-ब-दिन बढ़ते काम के बोझ के कारण रोहन अपने काम में ही व्यस्त रहता था तथा दिशा को भी समय नहीं दे पाता था।

एक दिन दिशा का एक्सिडेंट हो गया, दिशा को खोने के डर से रोहन घबरा गया।

रोहन ने ऑफिस से छुट्टी लेकर दिन-रात दिशा की सेवा की।

दिशा के हंसमुख स्वभाव ने रोहन के स्वभाव में भी परिवर्तन ला दिया था।

रोहन को बचपन से लिखने का बड़ा शौक था, यह बात अब जाकर दिशा को पता चली जब उन्होंने इतना कीमती समय साथ में गुजारा।

अपनी छोटी सी दुनिया में दोनों बहुत खुश थे, इस खुशी को बढ़ाने उनकी दुनिया में रिया और नमन (बेटी और बेटा) भी आ चुके थे।

सबकुछ अच्छे से चल रहा था कि,

एक दुर्घटना में रोहन ने अपना एक हाथ गवां दिया, जिसकी वजह से उसकी नौकरी भी चली गई।

लेकिन दिशा के प्यार और विश्वास ने हमेशा रोहन को प्रोत्साहित किया और कभी भी जीवन में हार नहीं मानने दी।

दिशा के प्रयास से रोहन ने अपना खोया हुआ आत्मविश्वास फिर से पाया और एक नये सिरे से जीवन की शुरुआत की।

दिशा ने रोहन के लिखने के शौक को बढ़ावा दिया और उसे लिखने के लिए खूब प्रेरित किया।

कल तक चुप-चुप रहने वाला रोहन आज मुस्कुराना और जिंदगी जीना सीख गया था।

रोहन का जिंदगी जीने का नज़रिया अब बिल्कुल बदल चुका था।

दिशा का साथ पाकर अब रोहन एक मशहूर लेखक के रूप में स्थापित हो चुका था।

आज दोनों एक खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

उम्मीद है आप सबको यह कहानी जरूर पसंद आएगी।

धन्यवाद।

शिल्पी गोयल

(स्वरचित एवं मौलिक)


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