ख्वाहिशें

ख्वाहिशें जीने का नया हौसला प्रदान करती हैं।

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Shilpi Goel
Shilpi Goel 12 Feb, 2021 | 1 min read
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कुछ नया ढूंढने की तलाश

हर रोज करते हैं,

यही सोच कर परिंदे

घर से निकलते हैं।

आज कुछ मुकाम

हासिल कर जाएंगे,

तिनका-तिनका जोड़

एक घरोंदा ऐसा बनाएंगे,

जहां सूकुन से अपना

बसेरा बसाएंगे।

चाहत है मेरी

मैं भी उड़ जाऊँ,

उस नीले गगन में

बसेरा बसाऊँ,

जहां इंद्र धनुष के रंगों से सजी

एक दुनिया तैरती है अंबर में।

-शिल्पी गोयल (स्वरचित एवं मौलिक)

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