हिन्दी भाषा

हिन्दी कविता

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Shilpi Goel
Shilpi Goel 19 Jan, 2021 | 1 min read

रिश्तों की मर्यादा है कहीं,

तो कहीं अपनेपन की है परिभाषा;


माता-पिता का दुलार है कहीं

तो कहीं भाई-बहन का प्यार है हिन्दी भाषा;


ज्ञानता का भण्डार है अगर,

तो शब्दों का संसार है हिन्दी भाषा;


एहसासों की माला है कभी,

कभी मोतियों सी चमकदार है हिन्दी भाषा;


साहित्य का खजाना छुपा है इसमें,

कला से भिन्न सा जुड़ाव है हिन्दी भाषा;


बच्चा भी सबसे पहले माँ है बोलता,

सरलता का एहसास है हिन्दी भाषा;


बोले जाने की सहजता है अगर,

तो लिखावट का सार है हिन्दी भाषा;


अंग्रेजी के आजकल के चलन में,

लोकप्रियता की मिसाल है हिन्दी भाषा;


घर- घर की पहचान है अगर,

तो भारत की शान है हिन्दी भाषा;


विभिन्न भाषाओं के देश में,

भाषाओं की सम्राज्ञी है हिन्दी भाषा;

- शिल्पी गोयल (स्वरचित एवं मौलिक)

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