रिश्तों की मर्यादा है कहीं,
तो कहीं अपनेपन की है परिभाषा;
माता-पिता का दुलार है कहीं
तो कहीं भाई-बहन का प्यार है हिन्दी भाषा;
ज्ञानता का भण्डार है अगर,
तो शब्दों का संसार है हिन्दी भाषा;
एहसासों की माला है कभी,
कभी मोतियों सी चमकदार है हिन्दी भाषा;
साहित्य का खजाना छुपा है इसमें,
कला से भिन्न सा जुड़ाव है हिन्दी भाषा;
बच्चा भी सबसे पहले माँ है बोलता,
सरलता का एहसास है हिन्दी भाषा;
बोले जाने की सहजता है अगर,
तो लिखावट का सार है हिन्दी भाषा;
अंग्रेजी के आजकल के चलन में,
लोकप्रियता की मिसाल है हिन्दी भाषा;
घर- घर की पहचान है अगर,
तो भारत की शान है हिन्दी भाषा;
विभिन्न भाषाओं के देश में,
भाषाओं की सम्राज्ञी है हिन्दी भाषा;
- शिल्पी गोयल (स्वरचित एवं मौलिक)
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