म्हारा प्रदेश हरियाणा

आओ घूम लां अपने हरियाणा के इर्द-गिर्द, अर जान ला के-के छिपा सै इसके भीतर।

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Shilpi Goel
Shilpi Goel 07 Aug, 2021 | 1 min read
haryanvi boli FoodandCulture

#foodandculture

#haryanvi(हरियाणवी बोली)

"देशा मह देश हरियाणा,जित दूध-दही का खाना।"

यो कहावत तो आप सबने सुनी होगी, तो चालो आज आपने म्हारे हरियाणा के खान-पान और उसके रिवाज के बारे में थोड़ा बतला देवां।

म्हारे हरियाणा में खूब राजी होकै खावें हैं 'मक्की दी रोटी ते सरसों दा साग'।

सर्दियाँ के मौसम की तो जान सै यो साग-रोटी। जिसने एक बार खा लिया तै बार-बार माँगे सै।

अर बाजरे की खिचड़ के तो कहने ही के, मिट्टी के चूल्हे पै पका यो खिचड़(खिचड़ी) लास्सी गेल खालो थारी शहरी गैस की खिचड़ नै भूल जाओगे।

अर मक्के की रोटी पै धरा हो ढ़ेर सारा शुद्ध मक्खन तो कहने ही के, साथ में ठंडी-ठंडी लास्सी मक्खन मार के और गुड के साथ-साथ कच्चा प्याज वो भी काट कै ना बल्कि हाथां तै मुक्का मारकै नै फोड़ दो, अर फेर देखो उसका स्वाद थारे होटलां वाले सिरके के प्याज नै भूल जाओगे थम्।

आ गया ना थारे भी मुँह में पानी यो सब सुनकै।

म्हारा हरियाणा संतो की वैदिक भूमि भी कहलावै है,जितने भजन यहाँ गावे जां सै ना और किते नी पावैं थमने।

अब बात करें म्हारे हरियाणा के पहरावे की तो यहाँ के पुरूष तो घाले सैं धोती-कुर्ता अर सिर तै पगड़ी।

अर म्हारी हरियाणा की लुगाई(औरतें) घाघरा(दामण)-चोली, अर सिर तै पीलिया(चुंदडी) पहने सैं।

हरियाणा में तरह-तरह के लोक नृत्य भी करे जावत हैं,जैसे धमाल, मंजीरे, खेड़ा, घोड़ी और भी ना जाने कितने।

हर नृत्य न्यारे-न्यारे सुख अर दुख तै पहचान करावै सै, ज्योंकर घोड़ी आला नृत्य ब्याह-शादियाँ में करा जावत है तो खेड़ा आला नृत्य किसी बड़े-बूढ़े की मृत्यु पर जिसने अपनी उम्र के सारे वसंत देख लिये सो।

म्हारे हरियाणा में ना-ना तरह के त्यौहार मनाए जाते हैं। जैसे तीज, फाग, सलोमण(रक्षा-बंधन), संक्रांत, गूगा नवमी।

पहली दफा कृषि युग की शुरुआत भी तो अठै तै ही हुई थी शायद इसे कारण इस हरित प्रदेश का नाम हरियणा पड़ा हो।

म्हारे हरियाणा की भाषा हरियाणवी भाषा ना कहला कर हरियाणवी बोली कहलावत है।

हरियाणा ही तो है जित म्हारे प्रभु भगवान 'श्रीकृष्ण' ने गीता का उपदेश दिया था अर्जुन तै।

तो आओ कभी म्हारे हरियाणा में और देखो तो सही थम म्हारी भी आव-भगत।

राम-राम जी।

थारी दोस्त,

शिल्पी गोयल

(स्वरचित)


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