प्रेरणा किससे लें?

एक कविता प्रेरणा किससे लें।

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Shilpi Goel
Shilpi Goel 28 Dec, 2020 | 1 min read

प्रेरणा लें बाल्यकाल से

मुस्कुराहट फैलाने की।

प्रेरणा लें किशोरावस्था से

बिन्दास जीवन बिताने की।

प्रेरणा लें प्रौढ़ता से

अपनों के साथ जिए जाने की।

प्रेरणा लें किन्नरों से

दूसरों की खुशियों में खुश हो जाने की।

प्रेरणा लें परिंदो से

स्वच्छन्द हो आसमान में उड़ान भरने की।

प्रेरणा लें मूक जीव-जंतुओं से

बिना वजह सबके काम आने की।

प्रेरणा लें किसान से

सबके थाल में अन्न पहुँचाने की।

प्रेरणा लें देश के जवान से

अपनी जान दाँव पर लगाने की।

प्रेरणा लें किताबों से

दोस्ती निभाने की।

प्रेरणा लें रंगों से

जीवन में रस घोल जाने की।

प्रेरणा लें बसन्त से

नये फूलों को खिलाने की।

प्रेरणा लें ग्रीष्मकाल से

ठंडक की महत्ता समझाने की।

प्रेरणा लें मानसून से

खेतों में फसल बढाने की।

प्रेरणा लें पतझड से

अनर्गल पत्तों(बातों)को हटाने की।

प्रेरणा लें सर्द हवाओं से

ऊन की गर्माहट महसूस करवाने की।

प्रेरणा लें हर उस जीव,जंतु,वस्तु-विशेष से

जिनसे उम्मीद हो कुछ अच्छी सीख पाने की।

परंतु सबसे पहले प्रेरित करें खुद को

भीतर की बुराईयों पर विजय पाने को।

- शिल्पी गोयल

स्वरचित एंव मौलिक

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